Murder Case: दिल्ली में द्वारका जिले के डाबड़ी इलाके में 7 सितंबर को हुई चमन सहरावत की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के नाम राजीव गुप्ता उर्फ रामू, संजय उर्फ काकू और कुंवरपाल सिंह के रूप में की गई है. मुख्यारोपी राजीव गुप्ता को शक था कि उसकी पत्नी के साथ चमन के नाजायज संबंध हैं. इसलिए उसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू और पिस्तौल भी बरामद कर लिए हैं.
क्या है मामला?
द्वारका जिले के डीसीपी संतोष कुमार मीणा ने बताया कि 7 सितंबर को डाबड़ी इलाके में चमन (40) नामक युवक की गोली मारकर और चाकू से वार कर हत्या कर दी गई थी. मौके से पुलिस को एक स्कूटी, खून से सनी चप्पल और पीड़ित की कैप मिली थी. मौके पर क्राइम टीम और एफएसएल की टीम को बुलाया गया. डाबड़ी थाने के साथ-साथ स्पेशल स्टाफ को भी जांच में शामिल किया गया. जांच में सामने आया कि महावीर एंक्लेव निवासी चमन सहरावत के ऊपर दो लोगों ने हमला किया था.
उसे गोली मारने के साथ चाकू से भी वार किए गए थे. चमन को घायल अवस्था में आकाश हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस ने जांच के दौरान अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में संजय सिंह पुंडीर उर्फ काकू को पकड़ लिया. काकू की निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल चाकू बरामद किया गया. उसने खुलासा किया कि इस हत्या में राजीव गुप्ता मुख्यारोपी है.
उसने ये भी बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों कुंवरपाल सिंह की दुकान में छिपे थे. घटना से पहले कुंवरपाल ने सीसीटीवी कैमरे स्वीच ऑफ कर दिए थे, जिन्हें बाद में चालू किया गया था. पुलिस ने कुंवरपाल सिंह को भी अरेस्ट कर लिया. इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इस केस के मुख्यारोपी राजीव गुप्ता को दादा देव अस्पताल के पास से उस वक्त पकड़ा, जब वह किसी से मिलने के लिए आया था.
पत्नी के साथ अवैध संबंध के शक में की चमन की हत्या
पुलिस का दावा है कि आरोपी राजीव गुप्ता ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह मूलरूप से यूपी के मैनपुरी का रहने वाला है. दसवीं तक पढ़ा है. वह पहले प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था. साल 2007 में उसने एक युवती से प्रेम विवाह किया था. इसके बाद वह डाबड़ी इलाके में ही फाइनेंस का काम करने लगा. पिछले कुछ समय से उसे शक था कि उसकी पत्नी के चमन के साथ अवैध संबंध हैं. इस वजह से उसने अपने रिश्तेदार संजय और उसके दोस्त केपी सिंह के साथ मिलकर इस वारदात की साजिश रची और फिर उसे अंजाम दे दिया.